Short Film Script In Hindi pdf
SHORT FILM STORY
कॉलेज कैंपस – डे
रेशमा
कॉलेज कैंपस में कुछ लडकियों के साथ हँसी-मजाक कर रही होती है. रतन साइकिल से
रेशमा के पास आता है.
रतन
– रेशमा मुझे तुमसे अकेले कुछ बात करनी है.
रेशमा - अकेले में क्यों ?
रतन
– प्लीज.
रेशमा
– ओके फ्रेंड्स मैं सीधा तुम लोगो से क्लास में मिलती हूँ.
रेशमा
रतन के साथ एकांत में आती है. रतन रेशमा का हाथ पकड़ता है.
रतन
– रेशमा तुम ये क्या कर रही हो?
रेशमा
– मैं कुछ समझी नहीं.
रतन
– सुन्दर कह रहा था तुम्हारी शादी फिक्स हो गयी है. तुम्हारे घर वाले भी बड़ी
जल्दबाजी में हैं तुम्हारी शादी को लेकर.
रेशमा
– तो क्या हुआ एक न एक दिन हम सभी को शादी करनी ही है.
रतन
– ऐसे कैसे हो सकता है? तुमने मेरे शादी जीवन बिताने की कसम खाई हो. और तो और हम
दोनों अपनी मर्यादा को भी कई बार लांघ चुके हैं.
रेशमा
– तो क्या हुआ आज के मॉडर्न टाइम में ये सब चलता है. तुम्हारे साथ बिता हुआ कल था
और मुझे आज में जीने में मज़ा आता है.
रेशमा
रतन के पास से चली जाती है. रतन देखते रह जाता है.
रेशमा दुल्हन के लिबाज में होती है और कुछ लड़कियां रेशमा के हाथो में मेहंदी सजा रही हैं. घर में चारो ओर रौनक मची है. औरते ढोल बजाकर विवाह गीत गा रही हैं. रेशमा के मोबाइल पर रतन का कॉल आ रहा है. मोबाइल साइलेंट मोड़ पर है. रेशमा धीरे से मोबाइल की ओर एक नजर डालती है और फिर दोबारा अपनी सहेलियों के साथ व्यस्त हो जाती है.
रतन का घर - नाईट
रतन - यार रेशमा मेरा कॉल का जवाब नहीं दे रही है.
सुन्दर - कोई बात नहीं दोस्त आज ओ जिस तरह तुझे धोखा दे रही है, एक दिन उसे भी कोई ऐसे ही रुलाएगा.
रेशमा का घर - नाईट
रेशमा राकेश के संग अग्नि के सामने सात फेरे लेती है और फिर घर के सभी सदस्य उसे गाडी में बिठाकर विदा करते हैं. गाडी में बैठने के बाद रेशमा के आँखों में आंसू होते हैं. राकेश रेशमा के आंसुओ को पोछता है. गाडी दूल्हा और दुल्हन को लेकर आगे बढ़ जाती है.
राकेश का घर - नाईट
रेशमा घूंघट में सजे हुए सेज पर बैठी होती है. राकेश दरवाजा खोल बहार से कमरे के भीतर आता है. राकेश कमरे में आकर रेशमा के बगल बैठ जाता है.
राकेश - बड़ा शरमा रही हो?
रेशमा - ये तो हर लड़की करती है.
राकेश - चलो अब अपना घूंघट उठा दो.
रेशमा - नहीं पहले मेरा नेग दो.
राकेश - ओह नेग चाहिए.
राकेश अपने जेब से कुछ नोट निकाल रेशमा के हाथो पर रख देता है.
राकेश - अब तो अपना घूंघट उठाओगी न.
रेशमा अपना घूंघट उठा देती है.
रेशमा - लो उठा दिया. अब बताओ क्या करोगे.
राकेश - बड़ी तेज लग रही हो.
रेशमा - ओ तो मैं हूँ. चलो अब दूध पी लो.
रेशमा बेड के बगल रखे टेबल से दूध का ग्लास उठाकर राकेश को देती है. राकेश हाथ में दूध का ग्लास ले दूध पी लेता है.
रेशमा - तुम भी बडे तेज हो. जरूर तुम्हे सुहागरात के बारे से सब पता होगा. क्यों सही कहा न? बताओ तुम्हारी कितनी गर्ल फ्रेंड रह चुकी हैं?
राकेश - कई लड़कियों के साथ मेरा अफेयर रह चूका है. और आज भी कई लडकिया मुझ पर जान देती है. मैं अपने कॉलेज का रोमियो था.
रेशमा - ओह ओ!
राकेश - मैं सच कह रहा हूँ. एक लड़की तो अपना रिश्ता लेकर खुद मेरे माँ-बाबूजी के पास आई थी. पर कहते हैं न नियती जो मंजूर होता है वही होता है. मेरे मामा निकले दूर के तुम्हारे रिश्तेदार. बस जिद्द पकड़ के बैठ गए की राकेश की शादी होगी तो सिर्फ इस लड़की के साथ ही होगी. और आज तुम्हारी शादी मुझसे हो ही गयी. खैर तुम बताओ तुम्हारे कितने बॉय फ्रेंड रह चुके हैं.
रेशमा - मेरे? नहीं नहीं... मेरा कोई भी बॉय फ्रेंड कभी नहीं रहा.
राकेश रेशमा के मोबाइल को तकिये के नीचे से निकाल कर दिखता है.
राकेश - फिर ये कौन है? जिसके दस-दस मिस कॉल तुम्हारे मोबाइल में दिखा रहे हैं.
रेशमा - ओ... हाँ मेरा भी एक बॉयफ्रेंड था. दीवाना था मेरा. जो मैं कहती ओ वही करता था. दिखने में हैंडसम है लेकिन जेब से कड़का है. बेचारा गरीब है.
राकेश - सिर्फ एक बॉयफ्रेंड, तुम्हारे मोबाइल में तो कई लड़को के नंबर हैं.
रेशमा - तुम्हारा मोबाइल दिखाओ उसमे भी तो कई लडकियों के नंबर होंगे. अब बाते बहुत हुई, तुम कहो तो लाइट ऑफ कर दूं. आगे अभी ढेर सारा प्रोग्राम है.
राकेश - प्रोग्राम? मैं कुछ समझा नहीं.
रेशमा - अनजान मत बनो जैसे तुम्हे कुछ पता नहीं हनीमून की रात क्या होता है.
राकेश - ओह तुम उस बारे में बोल रही हो. मैं तो उसका अनुभव कई बार ले चूका हूँ. ओ मेरे लिए कोई पहेली नहीं रहा. तुम बताओ तुम्हे कुछ अनुभव है की नहीं.
रेशमा - मुझे? हाँ... थोडा थोडा. मेरे कहने का मतलब है मुझे भी अनुभव है इसका.
राकेश - वही बॉयफ्रेंड?
रेशमा - नहीं और भी कई हैं. जिनके साथ में कॉलेज में पिकनिक पर गयी थी. बस थोड़ी-थोड़ी मस्ती में गलती हो गयी.
राकेश - गलती? बस यही मुझे पसंद नहीं.
रेशमा - क्या कह रहे हो?
राकेश -मुझे ऐसी लड़कियाँ बिलकुल नहीं पसंद जो अपनी शादी के पहले अपनी मर्यादा को भूल जाती हैं. हम एक ऐसे समाज में रहते हैं जहाँ हमने अपने लिए जीवन जीने का कई नियम और लक्ष्मण रेखा बना रखी है. अगर हम सब अपने-अपने मर्यादा को लांघ जायेंगे तो हमारा जीवन नहीं चलने वाला. तो सॉरी रेशमा. मैं तुम्हारे साथ आज की रात बस यहीं तक रह सकता हूँ.
राकेश बेड से उठकर कमरे का दरवाजा खोल बाहर चला जाता है. रेशमा राकेश की तरफ देखते रह जाती है. रेशमा अपने मोबाइल से रतन को कॉल करती है.
रतन का घर - नाईट
रतन के मोबाइल पर रेशमा का कॉल आता है. रतन कॉल को कट कर देता है.
राकेश का घर - नाईट
रेशमा की आँखों में आंसू होते है.
समाप्त---
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