Comedy script in Hindi for Youtube |
कहानी - गुमनाम
लव
लेखक – लालजी
वर्मा
शीन न. १
समय – दिन (सुबह)
लोकेशन – इनडोर संध्या
का घर (इनडोर)
किरदार – संध्या और
सुचिता.
संध्या स्कूल जाने की
तैयारी कर रही होती है. उसी वक़्त डोर पर बेल बजती है. संध्या डोर के पास जा डोर
खोलती है. डोर खोलने पर डोर पर कोई नहीं होता है. संध्या अपने इर्द-गिर्द देखती
है. संध्या को अपने डोर पर एक लेटर पड़ा दिखता है.
संध्या – (अपने आप से बाते
करते हुए) अरे ये कौन लेटर रख गया?
कोई नजर भी नहीं आ रहा है.
संध्या लेटर को खोल कर पढ़ती
है.
लेटर में लिखा होता है-
संध्या – (पढ़ते हुए) तुम्हे जिस दिन से मैंने देखा है. मेरी रातो की नींद उड़
गयी है. अब कहीं मन ही नहीं लगता है. तुम अगर हाँ कह दो तो लाइफ सेट हो जाए.
लिखता हूँ ख़त खून से श्याही
मत समझना, प्यार करता हूँ तुमसे भाई न समझना... तुम्हारा आशिक.
संध्या टेंसन में आ जाती
है, संध्या लेटर ले कुछ सोचने लगाती है. सुचिता किचेन से बाहर आती है.
सुचिता – अरे! तू अभी तक रेडी नहीं हुयी? स्कूल के लिए लेट हो
जाएगा.
संध्या – नहीं माँ मैं तो रेडी हूँ. सिर्फ बुक्स बैग में भरने हैं.
सुचिता कि नजर लेटर पर पड़ती
है.
सुचिता – ये तेरे हाथ में क्या है?
संध्या लेटर छिपा लेती है.
संध्या – माँ ये एग्जाम के इम्पोर्टेन्ट टॉपिक हैं.
सुचिता – ओह! अच्छा बेटा इस बार तेरा दसवी का फाइनल एग्जाम है. हर बार
तू क्लास में टॉप आती है इस बार नाम खराब मत करना. स्कूल में टॉप आके दिखाना.
संध्या अपने बैग में बुक्स
भरती है और डोर से बाहर चली जाती है.
सुचिता – बाय बेटा.
संध्या – बाय मम्मी.
शीन न. २
समय – दिन
लोकेशन – स्कूल
क्लास (इनडोर)
किरदार – संध्या,
अजय, राकेश, टीचर और अन्य क्लास के लडके और लड़कियां.
क्लास में टीचर ब्लैक बोर्ड
पर साइंस पढ़ा रहा होता है. टेबल पर बैठी संध्या अपने गालो पर हाथ रख कुछ सोच रही
होती है. संध्या की नजर क्लास में अंतिम बेंच पर बैठे अजय पर पड़ती है जो उसे एक टक
घूर के देख रहा होता है. अजय के बगल अजय का दोस्त राकेश बैठा होता है.
संध्या (सोचते हुए वोइस ओवर
) – शायद इसी ने ही मेरे घर पर लव लेटर रखा था.
टीचर – (ब्लैक बोर्ड पर
लिखते हुए) पानी का फार्मूला. H2O
HYDROGEN 2+ OXYGEN
टीचर कि नजर अजय पर पढ़ती
है.
टीचर – अजय तुम बताओ पानी का फार्मूला.
अजय – सर, मैंने सुना नहीं.
टीचर – (फटकार लगाते हुए) तुम्हारा ध्यान कहाँ है? पिछली बार तुम फेल हुए थे. इस बार
भी तुम फेल होना चाहते हो?
अजय – सॉरी सर.
क्लास के सारे बच्चे हंसते
हैं.
क्लास कि लड़कियाँ अजय का मजाक बनती है और कमेंट
करती हैं.
टीचर – शट उप!
उसी वक़्त क्लास कि बेल बजती है. सारे बच्चे क्लास से निकल जाते हैं.
शीन न. ३
समय – दिन
लोकेशन – स्कूल गार्डन (आउटडोर)
किरदार – संध्या,
अजय, राकेश.
राकेश और अजय दोनों गार्डन
के बेंच पर बैठ होते हैं.
राकेश – हो गयी न तेरी चू... देखा सारी लडकियां तुझ पर कैसे हँस
रही थी?
अजय – हँसने दे रे. आज कल मुझे कुछ भी अच्छा नहीं लग रहा सिर्फ
संध्या के सिवा. ओ एक बार पट गयी, तो समझ लाइफ सेट है. क्या दिखती है, जबरदस्त!
राकेश – उसकी माँ को देखा है?
अजय – नहीं.
राकेश – क्या डेंजर दिखती है. तुझे मार-मार के टोमैटो सौस बना
देगी. पिछली बार पेरेंट्स डे पर आई थी.
अजय – तो?
राकेश – शर्मा सर ने गलती से उसके एक सही आंसर को रोंग बता कर, उसे
पेपर में एक मार्क कम दिए थे. तो उनको इतना सुनाया की उन्होंने भी उसके सामने हाथ
जोड़ लिया था. तो तू क्या है? वैसे भी तू कहाँ पढ़ाई-लिखाई में जीरो और ओ कहाँ पुरे
स्कूल में टॉप आने वाली. तुझे तो ओ घास भी नहीं डालेगी.
अजय – तूझे पता नहीं मेरे डैड के पास कितना बड़ा बिज़नेस है. मेरी
लाइफ तो रोकिंग है. नो टेंसन ओनली मज़ा.
संध्या गुस्से में उन दोनों
के पास आती है. बेंच पे बैठा अजय संध्या को देख खड़ा हो जाता है. संध्या अजय के गाल
पर एक चाटा जड़ देती है और वहां से चली जाती है. अजय अपने गालो को सहलाता है.
राकेश – देखा न पड़ी, पहले ही बोल रहा था पंगा न ले.
अजय – लेकिन यार मैंने तो अभी
कुछ किया भी नहीं. फिर भी चाटा? खैर लव एंड वार में ये सब चलता रहता है. आज शाम हम
दोनों उसके घर जायेंगे. उसकी मम्मी से मिलने. (अजय जोर-जोर से हँसता है)
राकेश – अरे! आर यू गोन मैड? मैं
तो नहीं जाने वाला. अभी तो तूने कुछ किया भी नहीं तो चाटे पड़ गए. जब घर जाएगा तो
क्या होगा?
अजय – आर यू नॉट माय बेस्ट
फ्रेंड?
राकेश – हूँ यार लेकिन उसकी माँ से मुझे डर लगता है. ठीक मैं चलूगा लेकिन उसके घर से दूर खड़ा रहूँगा, तुझे अकेले उसके घर पर जाना होगा.
अजय – ओके ठीक है यार.
शीन न. ४
समय – दिन
लोकेशन – संध्या का घर (इनडोर और आउटडोर)
किरदार – बच्चा,
सुचिता, संध्या
एक बच्चा संध्या के घर के
बाहर एक लेटर रखता है और डोर बेल बजा कर भाग जाता है. सुचिता किचेन में काम कर रही
होती है.
सुचिता – आती हूँ... आती हूँ.
सुचिता डोर खोलती है.
सुचिता डोर खोलने के बाद अगल-बगल देखती है, कोई नजर नहीं आता है. सुचिता की नजर डोर पर पड़े लेटर पर पड़ती है.
सुचिता लेटर उठाकर और उसे खोलकर पढ़ती है.
सुचिता - (पढ़ते हुए) तुम्हे इतने ख़त लिखे लेकिन कोई जवाब नहीं दिया. अब तो
इन्तेजार की इन्तिहाँ हो गई. अब तो आई लव यू बोल दो. आपका दीवाना.
सुचिता हैरान होती है. डोर
पर दोबारा बेल बजती है. सुचिता डोर खोलती है. डोर पर संध्या होती है.
संध्या – क्या हुआ मम्मी? आप बड़ी परेशान लग रही हैं. मम्मी ये कैसा
लेटर है आपके हाथ में.
सुचिता लेटर अपने कपड़ो में
छिपा लेती है.
सुचिता – अरे कुछ नहीं बेटा, ओ... ओ शॉप से राशन लाने हैं, उसके
लिस्ट हैं.
संध्या – तो दिखाओ मम्मी उसमे आप ने मेरी मैगी और सौस लिखा है की
नहीं.
सुचिता – लिखा है बेटा, लिखा है.
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शीन न. ५
समय – दिन
लोकेशन – संध्या का घर (आउटडोर)
किरदार – सुचिता,
संध्या, अजय, राकेश, एक लड़का और एक लड़की.
अजय के हाथ में गुलदस्ता
होता है और अजय और राकेश संध्या के घर से दूर खड़े होते हैं.
राकेश – अब तू जा. मैं आगे नहीं जाऊँगा.
अजय – जाऊ?
राकेश – देख फिर से बोल देता हूँ. उसकी मम्मी बहुत डेंजर है. बच के
रहना.
अजय – ओके - ओके... मैं डरता हूँ क्या? मैं प्यार से आंटी का दिल
जीत लूँगा.
अजय अपनी आँखों पर चमकीला
चस्मा लगता है और संध्या के घर कि ओर जाता है. अजय डोर पर बेल बजता है. सुचिता डोर
खोलती है. अजय सुचिता के सामने झुककर गुलदस्ता पेस करता है.
अजय – मैं आप का दिल जीतने आया हूँ.
सुचिता अजय को एकटक देखती
रह जाती है. अजय घर के भीतर अपनी नज़रे घुमाता है.
सुचिता – अरे अन्दर क्या देख रहा है? ये मेरे लिए है?
अजय – हाँ आपके लिए है. (सोचते हुए वोइस ओवर) इसका मतलब ओ
लेटर भी इसी ने रखा था.
सुचिता अजय का कॉलर पकडती
है और अजय के गाल पर एक चाटा जड़ देती है.
सुचिता – तू लव करेगा? तू अपनी उम्र देख और मेरी.
उसी वक़्त शोर सुन संध्या
बाहर आती है.
सुचिता – अपने मम्मी के उम्र की औरत को लव लेटर लिखता है.
संध्या – मम्मी इसने आपको भी लव लेटर लिखा.
सुचिता – आपको भी का मतलब?
संध्या – इसने मेरे लिए भी लेटर लिखा था.
अजय – कौन सा लेटर? कैसा लेटर? आप लोगो को कोई गलत फहमी हो रही
है.
सुचिता – लगता है ये पागल है?
संध्या - इसे और मारो.
सुचिता और संध्या दोनों अपने
हाथो से अजय की पिटाई करती है. अजय अपना कॉलर छुडाकर भाग जाता है. अजय और दूर खड़ा राकेश
दोनों साथ में वहां से भागते हैं. उसी समय बगल वाले घर से शोर सुनाई देता है. घर
के डोर पर एक लड़की और एक लडके में नोक-झोक चल रही होती है.
लड़का – मैंने तुम्हे इतने लेटर लिखे पर तुमने किसी भी लेटर का
जवाब नहीं दिया.
लड़की – कौन से लेटर? मुझे कोई भी लेटर नहीं मिला.
संध्या और सुचिता दोनों उन
दोनों की तरफ गौर से देखती है.
लड़का – मैं तुम्हे अपनी जान से भी ज्यादा प्यार करता हूँ और तुमसे
शादी करना चाहता हूँ. पर तुम हो मानने को तैयार ही नहीं.
लड़की – मॉल में किसी और को शौपिंग करते हो और प्यार का नाटक मेरे
साथ करते हो.
लड़की लडके को जोर का चाटा
मारती है. संध्या और सुचिता दोनों एक दुसरे को गौर से देखती है.
संध्या और सुचिता – ओह गुमनाम लव! तो ये ख़त इनका था.
समाप्त----
Comedy script in Hindi for Youtube (गुमनाम लव) उम्मीद करते हैं आप सभी को यह स्क्रिप्ट अच्छी लगी होगी. अपने कमेंट करके हमें जरूर बताये.
धन्यवाद.
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