main ads

Horror story in Hindi pdf

Horror story in Hindi pdf
Horror Hindi Story


Horror story in Hindi pdf

Story Name: Bhai ka bhoot / 

Characters: Kanak(25 years old), Yash(27 years Old),

 

Vo

यश और कनक की पहली मुलाकात  एक कैफे में हुई थी... कनक को देखकर यश उसे देखता ही रहा... कनक की वो मुस्कुराहट यश को भा गई थी, वो उसका दीवाना हो चुका था...

अगले केई दिनो तक यश उस कॉफी शॉप में जाता रहा बस कनक को देखने के लिए... एक दिन यश ने मन बना ही लिया और वो सीधा कनक के सामने जा बैठा...

 

कनक

नमस्कार!

यश

नमस्ते!

कनक

मैं जनती हूं तुम यश हो... एक आईटी कंपनी में काम करते हो... और पिछले कुछ दिनो से मेरा पीछे भी कर रहे हो...

यश

तुम्हें ये सब कैसे पता चला?

कनक

वो मेरा सीक्रेट है! वैसे भी बैठो कॉफी पीते हैं!

 

Vo

यश और कनक दोनों ने साथ में कॉफी पी और बातचीत भी की... यश की खुशी का ठीकना ही नहीं था...

यश

कल कब मिलोगी?

कनक

इसी समय! पर यहाँ नहीं बीच पे मिलेंगे!

यश

अपना नंबर तो देती जाओ!

कनक

कल मिलो तब देती हूं!

-----

 

Vo

अगले दिन कनक और यश बीच पे मिले

यश

मुझे लगा तुम नहीं आओगी?

कनक

कैसे नहीं आऊंगी, तुमसे मिलना जो था!

 

Vo

यश यही सोच के खुश था की कनक बस उसीको मिलने आई थी... उनलोगो ने काफी समय साथ बिताया और जब शाम के साडे छेह बज गए तो कनक के मोबाइल पर अलार्म बजा...

कनक

मुझे अब जाना होगा!

यश

इतनी जल्दी?

कनक

हां! वो मेरी परिवार की पाबन्दी है! मेरा बड़ा भाई है! चलो मैं चलती हूँ!

 

Vo

बस इतना बोलकर कनक वहाँ से चली गई...

-----

Vo

अगले दिन वो दोनो कैफे में मिले और आज भी शार्प साडे छेह बजे अलार्म बजा और कनक वहाँ से भी निकल गई... यश को ये बात बहुत  अजीब लगने लगी...

 

Vo

इसके बाद जब कनक और यश पार्क में मिले और जब साडे छेह बजे और अलार्म बजा तो यश ने कनक से कहा...

यश

यार तुम अपने बड़े भाई से झूठ बोल दो ना की तुम अपनी सहेली की शादी वैगरह में हो...

कनक

नहीं मैं ये नहीं कर सकती! भैया यहां आ जाएंगे और फिर सब गड़बड़ हो जाएगा!

Vo

इतना बोलकर कनक वहा से भाग गई...

-----

Vo

एक दिन कनक को बिन बताये यश उसके घर गया. कनक के बर्थडे पर यश आधी रात को उसके घर आया... यश ने बेल बजाई... दरवाजा खुला और वहाँ कनक खड़ी थी लड़कों के कपड़ों में... उसकी चाल ढाल सब बदली हुई थी...

यश

जन्मदिन मुबारक हो कनक!

कनक (बदला रूप)

हाँ! मैं कनक नहीं हु!

यश

क्या मजाक कर रही हो?

कनक (बदला रूप)

बोला न मैं कनक नहीं हु!

यश

अच्छा ठीक है मुझे एक गले तो लगा लो!

 

Vo

यश ने कनक को गले लगाने की कोशिश की पर कनक ने यश को ज़ोर का तमाचा मारा!

कनक (बदला रूप)

कितने बार बोलू मैं कनक नहीं हूं! कनक नहीं हु! कविराज हू! उसका बड़ा भाई!

Vo

कनक का बदला हुआ हाव भाव देख कर यश घबड़ा गया...

कनक (बदला रूप)

मैं जनता हूं तू मेरी बहन से प्यार करता है और वो भी तुझसे प्यार करता है पर तुम दोनो कभी एक नहीं हो सकते! कभी नहीं! क्यूकी सूरज ढलते ही कनक के शरिर में, मैं रहता हूं उसका बड़ा भाई कविराज! इसलिए अच्छा यही है की तू कनक को भूल जा! भूल जा उसे! निकल जा यहाँ से निकल जा!

Vo

कनक ने यश को धक्के मार के घर से बहार निकाल दिया!

उस रात यश कनक के घर के बाहर खड़े रह कर सोचा रहा था की आखिर उसके साथ हुआ क्या... वो परेशान था... वो जिस लड़की से प्यार करता था उसके शरीर में एक भूत रहता है?

अगली सुबह सूरज उगते ही कनक रोते हुए उसके पास आई...

यश

ये सब क्या है?

कनक

तुम घर चलो तुम्हें सब कुछ बताती हूं!

----

Vo

यश कनक के रूम मैं बैठा था और कनक उसे अपनी कहानी बताने लगी...

कनक

ये उस समय की बात है जब मैं और मेरे बड़े भैया कविराज एक पहाड़ पर गए थे... हम दोनो लगभग 14-15 साल के थे... मुझे ऊंचाइ से बड़ा डर लगता था... मैं घबराई हुई थी... भैया ने मुहे डराने के लिए भौ किया और पहाड़ की छोटी से मेरा संतूलन बिगड़ गया... मैं उस पहाड़ से गिरने ही वाली थी की भैया ने मेरा हाथ थाम लिया... उन्होनें मुझे ऊपर खींच लिया पर फिर वो खुद उस पहाड़ से गिरके मर गए... उस दिन से उनकी आत्मा रोज शाम को 7 बजे मेरे शरीर में घुस जाती है... मैं दिन में लड़की की तरह रहती हूं और रात को लड़कों की तरह हो जाती हूँ!

कनक

मेरे माँ-पापा को ये बात पता थी... उन्होंने कोशीशे की भैया की आत्मा को मुक्ति दिलवाने की पर कोई कोशिश सफल ना हुई...

यश

पर इसका कोई तो अंत होगा?

कनक

अंत है पर भैया मुझे वो करने नहीं देंगे!

यश

पर क्या?

कनक

पूर्णिमा की रात भैया की आत्मा मेरे शरीर में नहीं घुस सकती! उस रात हम दोनों को पुराने मंदिर जाकर भैया की आत्मा को मुक्ति दिलवानी होगी!

यश

ये इतना मुश्किल तो नहीं लग रहा?

कनक

मुश्किल ये है की भैया उस रात मुझे घर से बाहर जाने ही नहीं देते!

यश

इस बार मैं तुम्हें ले जाऊंगा उस पुराने मंदिर में!

----

Vo

इस दिन के बाद यश और कनक दोनों पूर्णिमा का बेसब्री से इंतजार करने लगे... यश ने एक पंडित जी से भी बात कर रखी थी।

यश

क्या वो मुझे कनक को यहाँ से ले जाने देगा?

पंडित

मुश्किल है पर नामुमकिन नहीं! ये भोलेनाथ की विभूति है! अघोरियो की तपस्या से सिद्ध! इसके सामने वो दुश्मन कुछ नहीं कर पायेगा! ये तुम अपने शरीर पर लगा लेना और उस लड़की के शरिर पर भी!

-----

Vo

आखिर पूर्णिमा की रात आ ही गई... यश कनक को लेने उसके घर आया... पर जैसे ही उसे कनक को हाथ लगाया... कविराज का भूत उसे जोर के झटके से उठाकर फेक देता है. और यश चोटिल होकर फ़र्स पर गिर जाता है.

यश

(दर्द) आह... कनक चलो... चलो मेरे साथ!

कनक

भैया यहीं पर हैं वो मुझे नहीं जाने देंगे! तुम जाओ यहाँ से चले जाओ! मुझे मेरे हाल पे छोड दो (रोते हुए).

 

Vo

यश घर के बहार गया और कुछ देर बाद यश अपने शरीर पे विभूति लगाकर वापस लौटता है... यश ने विभूति कनक के माथे पे भी लगा दी...

यश

मुझे पता था की ऐसा ही कुछ होगा इसलिय मैंने इसका भी इंतज़ाम कर लिया था!

 

Vo

अब वह आत्मा यश और कनक को नहीं छू पा रही थी. यश ने कनक को कार मैं बैठाया और वो कार चलाने लगा... कार के मिरर से कनक को काली शक्ति दिखी दे रही थी...

कनक

भैया हमारा पीछा कर रहे हैं!

यश

तुम घबराओ मत! वो हमारा कुछ नहीं कर सकते!

Vo

वो दोनो पुराने मंदिर पहुच गए और पंडितजी ने दोनो को एक घर में बैठा दिया…. जैसे जैसे पंडित मंत्र पढ़ते जा रहा थे एक काली शक्ति वहाँ  आस पास घूमने लगी... वो काली शक्ति ने एक रूप ले लिया...

कविराज

(रोते हुए) कनक तुम मुझे मारना चहती हो! (रोते हुए)

कनक

नहीं भइया!(रोते हुए)

पंडित

कनक उसकी बातो पर ध्यान मत दो वो तुम्हें बहका रहा है!

Vo

पंडित मंत्र पढ़ते गया और कविराज की आत्मा तड़पती गईकनक रो रही थीआखिर उस पंडित ने कविराज की आत्मा को मुक्ति दिलवा ही दीपर कनक अब भी रोये जा रही थी! यश ने उसे संभला!

यश

तुम्हारे भैया अब यहाँ से चले गए जहां उन्हे होना चाहिए था!

 

Vo

उस दिन के बाद कनक के शरीर में कविराज कभी नहीं आया... कनक और यश ने शादी कर ली और वो हमेशा खुश रहे!

समाप्त --

👊 दो सबसे दमदार स्क्रिप्ट जिसे लोगो ने बहुत पसंद किया. आप भी पढ़े नीचे लिंक पर जाकर-

👉पुष्पा (शोर्ट फिल्म स्क्रिप्ट)

👉मेरी एक भूल (शोर्ट फिल्म स्क्रिप्ट)


💫 दो शानदार वेबसेरिज स्क्रिप्ट, आप भी पढ़े नीचे लिंक पर जाकर-

👉ये रिश्ता कैसा है? (वेबसेरिज स्क्रिप्ट)

👉एक रहस्य... मोहिनी (वेबसेरिज स्क्रिप्ट)

एक टिप्पणी भेजें

3 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Please do not enter any spam link in the comment box.