Writing a script for a short film in Hindi |
किसी भी शोर्ट फिल्म या फिल्म की स्क्रिप्ट लिखने का अपना एक तरीका होता है. जब हम कोई भी फिल्म देखते हैं तो मुख्या रूप से स्क्रिप्ट से जुडी तीन बाते हमारे सामने होती हैं.
1.
कहानी / स्टोरी
2.
संवाद / डायलाग
3.
पटकथा / स्क्रीनप्ले
हम इस लेख में मुख्या रूप से शोर्ट फिल्म स्क्रिप्ट राइटिंग की बात करने वाले हैं. आपके पास शोर्ट फिल्म बनाने के कई उद्देश हो सकते हैं. जैसे आप अपनी क्रेअविटी को समझने के लिए बना रहे हैं, आप
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के लिए बनाना चाहते हैं या फिर आप किसी फिल्म फेस्टिवल के लिए बनाना चाहते हैं. फिलहाल आपका उद्देश कुछ भी हो फिल्म की स्टोरी, डायलाग या स्क्रीनप्ले दमदार होना चाहिए. स्क्रिप्ट जितना अच्छा होगा उसके फिल्मांकन और मेकिंग में उतनी सरलता होगी.
आपकी स्क्रिप्ट किसी भी सब्जेक्ट पर आधारित हो सकती है. जैसे प्रेम कथा, मर्डर मिस्ट्री, फॅमिली ड्रामा या कुछ और. साथ ही फिल्म इस फॉर्म में बनानी है जैसे
एनिमेटेड
फिल्म, रियल कैरेक्टर फिल्म या फिर दोनों मिक्स जिसमे एनिमेटेड कार्टून भी हो और रियल इंसानी कलाकार भी.
कहानी लिखने से पहले ये भी देखना होगा आप किस तरह की फिल्म चाहते है जैसे कॉमेडी, हॉरर, एक्शन, ड्रामा या फिर डॉक्यूमेंट्री. इस बात को ध्यान में रख कर ही आपको फिल्मे के स्क्रिप्ट को स्टार्ट तो एंड करना होगा. क्युकि हर दर्शक की दिलचस्पी अलग-अलग होती है. कई दर्शक कॉमेडी फिल्मे देखना पसंद करते हैं तो उसे एक्शन फिल्म पसंद नहीं आएगी. या कोई एक्शन फिल्मे देखता है तो उसे कॉमेडी में दिलचस्पी नहीं होगी.
दूसरी बात आपको आपकी कहानी के अनुसार एक मुख्या कलाकार निश्चित करना होगा. और साथ ही उस कहानी के अनुसार चलने वाले सह कलाकार के बारे में भी विचार करना होगा. आपकी कहानी में कोई भी मुख्या कलाकार हो सकता है एक बच्चे से लेकर जानवर तक या फिर कोई ऑब्जेक्ट. जैसे समझे आप एक फिल्म कुत्ते पर आधारित बनाना चाहते. “कुत्ते की आत्म कथा” तो आपकी कहानी में एक लीड कुत्ता होगा, जिसके इर्द-गिर्द कहानी घूमेगी.
आपकी कहानी के अनुसार आपके लोकेशन और समय पर भी सोचना होगा. आप कहानी में जो लोकेशन लिख रहे हैं ओ सरलता से उपलब्ध हो. और उसका समय भी कहानी के अनुसार मेल खाता हो. आप जो सब्जेक्ट अपने ऑडियंस को दिखाना चाहते हैं ओ फिल्म के स्क्रिप्ट से स्पस्ट होना चाहिए. उसके संवाद और स्क्रीनप्ले से समझ आनी चाहिए.
इन सभी बातो के बाद आपको उस फिल्म का बजट भी अपने ख्याल में रखना होगा. जैसे आपने किसी फिल्म का बजट पचास हज़ार रखा है तो उसी बजट के अन्दर आ जाने वाले कलाकार, लोकेशन, कैमरा, मेकअप, ड्रेस, एडिटिंग और बहुत सारी चीजो को मैनेज करना होगा. चलिए बजट के हिसाब से समझते हैं आप एक स्क्रिप्ट लिख रहे हैं जिसमे आपको एक करेक्टर को विदेश से आते एअरपोर्ट पर दिखाना है. पर फिल्म के बजट में ये संभव नहीं है तो उस दृश्य को फिल्माने में चीट करे या इस तरह फिल्माए की उसकी जरूरत न पड़े.
इसी तरह आपको फिल्म का सारा काम स्टार्ट तो एंड उसी बजट में मैनेज करना होगा और उसे ध्यान में रख कर स्क्रिप्ट लिखनी होगी.
अगर आप अपनी शोर्ट फिल्म मोबाइल या दी.यस.यल.आर से बनाना चाहते हैं तो भी आपको कई बातो को ध्यान में रख कर अपनी स्क्रिप्ट लिखनी पड़ेगी.
कहानी रोचक और सभी को पसंद आये ऐसी होनी चाहिए. रोचक का अर्थ समझे तो फिल्म को देखने वाले दर्शक के नजरिये से देखे. क्या उस फिल्म को देखते वक़्त ओ बोर तो नहीं होगा या फिर फिल्म को देखते समय उसका उत्साह बरकरार रहे.
कहानी के सभी पात्र सटीक और कहानी की जरूरत के अनुसार होने चाहिए. आपको कहानी के हर पात्र को बारीकी से समझना होगा. और हर पात्र को उतना ही स्क्रीन पर रखना होगा जितना उसकी जरूरत हो. और कहानी के अनुसार ही उस पात्र को दिखाना होगा.
कहानी और संवाद में तालमेल होना चाहिए. जैसे आपकी कहानी आज के दौर की है तो आपकी कहानी का हर किरदार उसी अनुसार संवाद बोले. संवाद बोलते वक़्त ओ किस टोन या लहजे का इस्तेमाल करे इसे भी आप स्पस्ट कर सकते हैं.
स्क्रीनप्ले सरल और फिल्मांकन किया जा सके ऐसा हो. स्क्रीनप्ले जितना स्पस्ट होगा प्रोडक्शन टीम या फिर निर्माता को उतनी ही सरलता होगी. आपके स्क्रीन प्ले से ही सारी बाते स्पस्ट हो जैसे कलाकार के कपडे, गहने या कुछ और प्रॉपर्टी जिसकी शूट के वक़्त जरूरत पड़ेगी. जैसे समझे तो आप एक छोटे बच्चे की कहानी लिख रहे हैं और आपने उस स्क्रिप्ट में लिखा है “बच्चा खिलौने से खेल रहा है.” तो यहाँ पर खिलौना स्पस्ट हो रहा है. जिससे प्रोडक्शन टीम को शूट की तैयारी करने से पहले खिलौने का इन्तेजाम करके रखना होगा. साथ ही अब ये भी देखा जा सकता है बच्चा किस तरह का ड्रेस पहने रहेगा और उसके बॉडी पर क्या-क्या प्रॉपर्टी होंगी. जैसे हाथ में कडा या गले में धागा इत्यादि.
एक अच्छी स्क्रिप्ट की मदत से ही अक अच्छी फिल्म बनाई जा सकती है. जैसे किसी मकान को बनाने से पहले एक मजबूत नीव की जरूरत पड़ती है उसी तरह एक अच्छी फिल्म बनाने के लिए एक अच्छी स्क्रिप्ट होना जरूरी है. अक्सर देखा गया है अगर किसी फिल्म की कहानी या स्क्रिप्ट अच्छी होती है तो दर्शको का रुझान या इंटरेस्ट फिल्म में बाना रहता है. या फिल्म देखते वक़्त ये जिज्ञासा बनी रहती है अब आगे क्या होगा.
स्क्रिप्ट राइटिंग एक जटिल काम है. जिसे आप सतत प्रयास और नियमित लेखन से अच्छा बना सकते हैं. अपनी लेखन को सुधारने के लिए आप दूसरो के ज्यादा से ज्यादा स्क्रिप्ट पढ़ सकते हैं. या फिर आप कई तरह के फिल्मे और वीडियोस देख कर समझ सकते हैं.
अधिक जानकारी के लिए नीचे दिए गए विडियो को देखे--
INT. NEHA HOUSE - NIGHT
नेहा सोफे पे बैठ मैगज़ीन पढ़ रही होती है. तेज हवा से घर की खिडकियाँ खुलती और बंद हो रही हैं. नेहा की नजर दीवार पर लगे घडी की ओर जाती है. उसी वक़्त डोर पर बेल बजती है. नेहा डोर के पास जा डोर खोलती है. डोर पर कोई नहीं होता है. नेहा को बाहर की ओर एक परछाई नजर आती है. राहुल रेनकोट पहने नेहा के पास आता है.
राहुल - नेहा... क्या हुआ?
नेहा - (डरे हुए) राहुल तुमने मुझे डरा दिया. इतनी रात तक कोई किसी का इन्तेजार करवाता है.
राहुल - सॉरी नेहा, मुझे माफ़ कर दो. आज के बाद दोबारा कभी भी मैं देर से नहीं आऊंगा.
राहुल और नेहा दोनों
साथ डोर बंद कर के घर के भीतर चले जाते हैं.
EXT. MARKET - DAY
नेहा और राहुल दोनों मार्केट में सब्जी खरीद रहे होते हैं. एक गुंडा नेहा के हाथ से पर्स लेकर भागता है. राहुल उस गुंडे का पीछा करता है.
इस साईट पर कई तरह के
स्क्रिप्ट उपलब्ध हैं, जिन्हें पढ़ कर आप कुछ आईडिया ले सकते हैं. अगर आप नए हैं और
अभी प्रयास कर रहे हैं तो छोटी-छोटी स्क्रिप्ट लिखे और अपने कुछ दोस्तों की मदत से
उसे अपने ही मोबाइल से फिल्माए. इस तरह कई बार करने से आप को अपनी कमी और कुछ नया
सीखने को हर बार मिलेगा. उम्मीद करते हैं दोस्तों इस लेख से आप को कुछ सीखने को
मिला होगा. ऐसे ही और कई रोचक और ज्ञान वर्धक फ़िल्मी बातो से जुड़े रहने के लिए
हमारी साईट पर विजिट करते रहिये.
धन्यवाद.
Nice tips
जवाब देंहटाएंthanks for your valuable comment
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