Audition Script
पारो ने हमें अपने प्यारे आँचल से बाँध रखा था. एक दिन न जाने क्या हुआ
उन्होंने कहा शराब छोड़ दो वरना चले जाओ यहाँ से, फिर बाबू जी ने कहा गाँव छोड़ दो,
सब ने कहा पारो को छोड़ दो, आज तुमने भी कहा हमें छोड़ दो एक आएगा जब ओ कहेंगे
दुनिया ही छोड़ दो. नहीं मीरा नहीं इस शराब की बोतल को हमसे दूर न करो. नहीं तो
कैसे जियेंगे हम इसके बिना अब बर्दास्त नहीं होता. अरे छोडो कौन कमबख्त है जो
बर्दास्त करने के लिए पीता है. मैं तो पीता हूँ बस साँस ले सकू.
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मन के भीतर की ख़ुशी छोड़ हम पूरे जीवन भर ख़ुशी की तलाश में भटकते रहते हैं,
लेकिन बड़ी दूर दूर तक ओ नजर ही नहीं आती न जाने ओ कहाँ गुम सी गयी है. और कमबख्त
तलास भी ऐसी जो न सोने देती है और जागने. भूख लगी होती है फिर भी कुछ खाने का मन
नहीं होता. प्यार से गला सूख रहा होता है फिर भी समय नहीं है एक गिलास पानी ले के
पीने का. बस काम काम काम काम... थोडा सा बाकी है.... थोडा और कर ले... आखिर क्यों?
क्यों की थोडा सा और पैसे मिल जाए. थोडा हम और कमा ले. और ये कमाई भी क्यों बस एक
ख़ुशी के लिए.
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बस अंग्रेजी में दिन रात पिटर-पिटर पिटर-पिटर और कुछ नहीं, मातृ भाषा हिंदी है
लेकिन जब बात करेंगे तो अंग्रेजी ही झाडेंगे. देशी भोजन है दाल चावल लेकिन जब
आर्डर करेंगे तो बर्गेर-पिज़्ज़ा ही माँगा के खायेंगे. न जाने आजके युवाओ को क्या हो
गया है. कहीं से देशी लगते ही नहीं. बकरे जैसी दांडी, अंग्रेजो जैसा लिबाज, बड़ो का
अदब नहीं, छोटो का ख्याल नहीं. क्या अपने देश के लिए कुछ करेंगे? एक हमारा दौर था
जब हम अपना सब कुछ देश के लिए नैछावर कर देते थे. क्या बचपना क्या जवानी, क्या दिन
क्या रात सब कुछ देश के नाम था. अरे मेरे बच्चो अब तो सुधर जाओ.
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अख्खा जिंदगी में आज पहली बार अपुन तेरे सामने खड़ा है भगवान. ओ भी क्यों? अपुन
अपने लिए नहीं आया है. अपुन तो उस राधा के लिए आया है जो श्याम की दीवानी बनी बैठी
है. दिन रात उसी के सपने देखती है. साली ऐड़ी है एक बार भी उसका श्याम उसकी खबर
नहीं लेता है. अब तो उसने खाना पीना भी छोड़ दिया. प्लीज भगवान... ओ मर जायेगी. उसे
उसका प्यार लौटा दे. बदले में तू अपुन से अपना सब कुछ ले ले. अपुन बोलता है...
अपुन का सबकुछ क्या अपुन का अख्खा जिंदगी लेले. लेकिन उसका प्यार लौटा दे भगवान.
उसका प्यार लौटा दे.
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कल रात ओ मेरे सपनो में आई और मेरे गालो को सहलाई. बस इतना ही नहीं और जानते
हो, उसने और क्या क्या किया हमारे संग? अरे तुम लोग कैसे जानोगे? ओ तो मेरे सपने
में आई थी न. उसने मेरे गालो को सिर्फ
सहलाया ही नहीं धीरे से चुम्मा भी लिया. बड़ा मज़ा आया... बड़ा मज़ा आया. हमने उससे कहा
अब अपना भी गाल हमारी तरफ करो. हम भी लेंगे चुम्मा. और जानते हो उसने क्या किया? अरे
तुम लोग कैसे जानोगे? हम बताते हैं उसने सच में अपना गाल हमारी तरफ कर दिया. फिर
क्या हुआ? हम जैसे ही लेने चले चुम्मा हमारे बाबूजी ने हमारे पिछवारे मारी जोर की
लात और हम हडबडा के जग गए.
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मैं हूँ भूत. मेरे सर पर सिर्फ बाल ही बाल है. मेरे नाखून हैं टेड़े-मेढ़े, मेरा
पैर है उल्टा फिर भी मैं चलता हूँ सीधा. मेरे रास्ते जो आता है मेरा शिकार बन जाता
है. उसके चेहरे पर छा जाती है मायूसी, निकल जाता है पसीना और लग जाती है दस्त,
डॉक्टर के पकड़ में नहीं आता है मर्ज. ही ही
ही ही ही ही..... हा हा हा हा हा हा.... मेरा काम है लोगो को डराना. उनकी हवा
निकालना. मुझे कुछ नजर नहीं आ रहा है, लगता है कोई आ रहा है. अब तो मुझे चक्कर आ
रहा है सच में ये भूत आ रहा है.
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पुलिस की गोली में इतना लोहा है, एक बार खा ली न फिर जिंदगी में कभी भी आयरन
की गोली नहीं खानी पड़ेगी. इसीलिए अपनी औकात में रह कर बात कर. क्यों की तेरे में
और मेरे में कोई फर्क नहीं है. तू है जनता सेवक और मैं भी हूँ जनता सेवक फर्क
सिर्फ इतना है तू सफ़ेद लिबाज पहने के काले काम करता है और मैं खाकी वर्दी पहने के.
लेकिन अपना एक ज़मीर है, एक लिमिट है. लेकिन तू तो आउट ऑफ लिमिट है जिस थाली में
खाता है उसी में छेड़ कर देता है. अब किसी भी खाली में छेड़ नहीं होगा क्युकी अब तेरे
भेजे में छेद होगा. ले....
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जिसके खुद के सपने पुरे नहीं होते ओ दूसरो के सपनों को पूरा करने की कोशिश करते
हैं. ओ देखो आसमान में ध्रुव तारा. अब हमें करे पता चला ओ एक तारा ही है. क्यों की
जरूर किसी न किसी का ये सपना होगा इसके बारे में पता करने का. और उसका सपना इतना
बड़ा हुआ उसने ये दूरबीन बाना दी. आज ये दूरबीन लाखो लोगो का सपना पूरा कर रही है.
तुम्हे भी ऐसे ही कुछ करना है जो आने वाले समय में लोगो के लिए मिसाल बन जाए. उनका
सपना साकार कर जाए.
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मैं तो एक आम इंसान हूँ जिसकी एक छोटी सी फॅमिली है. पूरी उम्र ये आम आदमी अपनी
और अपनी फॅमिली की जरूरतों के लिए लड़ता है. उसे अच्छा लगता है जरूरतों के साथ लड़ना.
लेकिन एक दिन जब उसे फॅमिली से अलग कर दिया जाता है तो इंसान अपनी फॅमिली के बिना
जी नहीं सकता. उसके लिए कुछ भी कर सकता है. चाहे दुनिया उसे मतलबी कहे, चाहे
खुदगर्ज.
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